पारद शिवलिंग महत्व OPTIONS

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यह हमारे सभी पारद उत्पादों की शुध्धता का परिणाम है।  

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

शिवलिंग को हमेशा किसी कटोरी में रखना चाहिए और इस बात का याद रखें कि पात्र का जल कभी भी सूखे नहीं।

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क्रोध, लालच और दूसरों से आगे बढ़ने की इच्छा की वजह से नहीं मिल पाती है मन को शांति

पारद शिवलिंग की पूजा से घर में शांति और सद्भाव का माहौल बनता है।

शिवलिंग पर अक्सर जल और बिल्वपत्र तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ अर्पित किया जाता है। शिवजी का कई प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। सभी तरह के अभिषेक का अलग-अलग फल दिया गया है। शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है? जानिए-

पारद शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों में किया गया है।

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एकाग्रता के बिना की गई पूजा नहीं होती है सफल, निस्वार्थ भाव से करना चाहिए भगवान का ध्यान

For anyone who is troubled by conditions like large blood pressure level, heart problems, asthma, and diabetic issues, then all you might want to do is always to worship the Lord Shiva Linga, it will certainly benefit you.

- शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं।

पारद शिवलिंग सही दिशा में नहीं होता है तब कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो जाती है।

नंतर गायीचे कच्या दुधाने अभिषेक करून पुन्हा गंगाजल ने अभिषेक करावा.

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